अभिनेता आशुतोष अपने अभिनय से लोगों के दिलों अलग छाप छोड़ चुके हैं। संघर्ष और हासिल जैसी फिल्में कर चुके अभिनेता ने वॉर और पठान में अपनी अदाकारी से दर्शकों की काफी सराहना बटोरी है। हाल ही में अभिनेता नेे एक  बातचीत के दौरान अपने छात्र जीवन को याद किया। उन्होंने बताया कि वे राजनेता बनना चाहते थे और इसके बीज उनके विश्वविद्यालय के दिनों में बोए गए थे।

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जब आशुतोष ने कर दी पुलिस की पिटाई

इस बातचीत में अभिनेता ने खुलासा किया कि उन्होंने एक बार पुलिस अधिकारियों की पिटाई कर दी थी, क्योंकि उन्होंने उनके दोस्तों पर छेड़छाड़ के झूठे मामले में आरोप लगाया था और उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा था। आशुतोष ने बताया कि वे जब मध्य प्रदेश में डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे तब शहर के सिविल लाइन्स इलाके में एक सैलून में अपने दोस्तों के साथ रोज शाम को बैठा करते थे। उन दिनों यही सभी दोस्तों का अड्डा हुआ करता था।अभिनेता ने कहा, “एक दिन मुझे एक दोस्त से पता चला कि पुलिस ने हमारे दो अन्य दोस्तों को पीटा है। यह सिविल लाइंस में हो रहा था, इसलिए हम वहां पहुंचे और देखा कि दो पुलिस वाले उन्हें पीट रहे थे। यह सब देखकर मैंने भी उन्हें (पुलिस वालों को) पीटना शुरू कर दिया। मुझे तब पता था कि यह मामला यहां नहीं सुलझेगा। मैंने अपने दोस्त से कहा कि वे विश्वविद्यालय भाग जाएं और छात्रों को इकट्ठा करें, इससे पहले कि हमें पुलिस स्टेशन ले जाया जाए। अगले दिन हमारी अंग्रेजी की परीक्षा थी।”

पिटाई कर खुद ही  वैन में बैठ गए थे आशुतोष

अभिनेता ने इस पर विस्तार से बात करते हुए  कहा, “मुझे पता था कि अगर मैं भागूंगा तो वे मुझे मारेंगे और मुझे वहीं से मारते हुए वापस लाएंगे, जहां से वे मुझे पकड़ेंगे। इसलिए सीधे वैन में बैठना ही बेहतर था। वहां पूरी तरह से अव्यवस्था थी। जब तक मैं पुलिस स्टेशन पहुंचा, करीब 1,500 छात्रों ने उसे घेर लिया था। राजनेताओं द्वारा कॉल किए जा चुके थे। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि मुझे अंदर बंद नहीं किया जाएगा, क्योंकि अगले दिन मेरी अंग्रेजी की परीक्षा थी। इसलिए मुझे एक कमरे में रखा गया, जिसकी खिड़कियां खुली थीं, जहां मैं लड़कों के साथ पढ़ाई की। पुलिसवाले इस बात पर अड़े थे कि वे मुझे जाने नहीं देंगे।”

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ऐसे पहुंचे एनएसडी

अभिनेता ने बताया छात्र नेता होने की वजह से उन्हें लोग काफी प्यार करते थे। उन्हें अगले दिन सुबह छह बजे मजिस्ट्रेट के बंगले में ले जाया गया, जहां उन्हें जमानत दे दी गई। अशुतोष ने आगे कहा, “मैं परीक्षा में बैठा और उसके तुरंत बाद हम पुलिस को निलंबित करने की मांग करते हुए सिविल लाइन स्टेशन पर भूख हड़ताल पर बैठ गए। उन छात्रों ने कोई छेड़खानी भी नहीं की थी फिर भी पिटाई कर दी गयी। छेड़खानी एक भयानक बात है और हमारे समूह के लड़के इसमें कभी शामिल नहीं थे। देखते ही देखते मुद्दा बहुत बड़ा हो गया। हम इंदौर पहुंचे जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री एक समारोह में भाग ले रहे थे। हम अंदर घुसे, उनकी कार में बैठे और कहा कि आप ध्यान नहीं दे रहे हैं कि क्या हो रहा है। फिर अंततः उनका तबादला कर दिया गया।” अभिनेता ने आगे साझा किया कि जब जब कॉलेजों में छात्र राजनीति पर प्रतिबंध लगा दिया गया, तो वे टूटा हुआ और लक्ष्यहीन महसूस करने लगे थे, लेकिन फिर वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में दाखिला लिया।