Description
हाँ सर, मैंने अपने पिताजी को मार डाला! क्या यह एक पिता और पुत्र की कहानी है और कैसे एक बेटे ने दो महीने की अवधि में मुंबई को हिलाकर रख देने वाली भयानक हत्याओं में अपने पिता को खो दिया? इस पुस्तक में विजय पलांडे नामक एक सीरियल किलर द्वारा की गई एक के बाद एक हत्याओं का वर्णन किया गया है। यह उस हत्या के सिलसिले में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति की कहानी है, जो अपने ही पिता की क्रूर हत्या की कहानी बताने के लिए जीवित है। वह किस उत्तेजना और आघात से गुज़रा और कैसे पूरा खूनी प्रकरण उसकी आँखों के सामने प्रकट हुआ, क्योंकि वह नशीली दवाओं और शराब से सुन्न हो गया था।








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