Description
धूसर पहाड़ियों से घिरी उस घाटी में यह सामान्य सर्दियों की ही एक रात थी, जिसमें सफेद बर्फ की पतली चादरें हर तरफ देखी जा सकती थीं। आसमान नारंगी रंग के संकेत के साथ सामान्य धूसर था, क्योंकि सूरज जंगलों में विचरण करने वाले विभिन्न जानवरों को छाया देने वाले चीड़ के पेड़ों से ढकी पहाड़ियों की ओट मेंबस ढलने ही वाला था। मगर सबसे चौंकाने वालानजाराउस बड़ी नीली झील का था, जिसे स्थानीय लोग ‘झील’ के नाम से जानते थे। वहां नाविकों को यात्रियों को झील के उस पारघाटी को सुशोभित करने वाली कई पहाड़ी चोटियों तक ले जाते हुए देखा जा सकता था। यह अभी भी एक बहुत ही शांत जगह थी, जहां सर्दियों में तापमान शून्य से पांच डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता था। सर्दियों के महीनों में झील का पानी बर्फ की मोटी चादर में तब्दील हो जाता था।ऐसे में इस पहाड़ी की जमी हुई सतह पर पहाड़ी लोमड़ियां और हिरण कड़कड़ाती ठंड से निजात पाने की कोशिश में उछल-कूद करने लगतेथे। यह वाकई एक बहुत ही शांत जगह थी, जहां से निकटतम होटलऔर अस्पताल लगभग तीस मील की दूरीपर थे।यहां किसी भी किस्म की आधुनिक सुविधा नहीं थी।झील के किनारे पर कुछ दुकानें और एक शाकाहारी होटल था। चूंकि यह क्षेत्र सेना के अधीन था, इसलिए इस क्षेत्र में नागरिक आबादी नाममात्र की ही थी। लोग बताते थे कि इस घाटी में इंसानों से ज्यादा जानवर हैं।
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