Hindi Paperback
पुतली – क्या मेरे साथ खेलोगे? – पेपरबैक
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प्रोफेसर सुशांत गुप्ता सबसे ऊंची पहाड़ी पर लकड़ी की बनी दो मंजिलाकॉटेज में रह रहे थे।उस पहाड़ी का नाम गोवर्धन पहाड़ी था। उनका कॉटेज जंगल की लकड़ी से बना था और एक नागरिक चौकी की तरह दिखता था।इसे देखकर कई बार किसी वेधशाला होने का आभास भी होता था, जो कि एक तरह से वह थी भी। ऐसा होता भी क्यों ना, आखिर प्रोफेसर गुप्ता एक पुरातत्वविद् और वन्य जीव संरक्षणवादी जो थे। अपना ज्यादातर वयस्क जीवन उन्होंने पहाड़ियों में रहते हुए ही बिताया था और इसलिए वे ऐसी जगहों पर रहने के एक तरह से आदी होचुके थे।वेपहाड़ियों में विचरण करने वाले पशु-पक्षियों को खूब गौर से निहारा करते थे और वहां की सभी प्रजातियों को अनुक्रमित करते रहे थे।